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मंगलवार, 25 दिसंबर 2012

मिसाइल मैनक दर्शन लेल छल व्यग्रता


  मिसाइल मैनक दर्शन लेल छल व्यग्रता


दरभंगा, 24 दिसम्बर । पोलो मैदानक विज्ञान प्रदर्शनीमे भाग लेनिहार छात्र-छात्रा लोकनि गौरवान्वित छला जे देशक प्रख्यात वैज्ञानिक पूर्व राष्टÑपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलामक दर्शन मात्र नञि भऽ रहल छनि, अपितु ओ हुनकासँ दू शब्द बातो कऽ सकता। डॉ. कलामक सानिध्य लेल हुनका सभक व्यग्रता तते बेसी बढ़ि गेलनि जे व्यवस्था धरि प्रभावित भऽ गेल आ हुनका सभकेँ बुझेबा लेल प्रमण्डलीय आयुक्त वन्दना किनी स्वयं पहुँचली। आ जखन डॉ. कलाम धीया-पुताक बीच पहुँचला तँ सभ आनन्दसँ झूमि उठला। करतल ध्वनिसँ अपन खुशीकेँ प्रकट केलनि। आ मिसाइल मैनसँ बात करबा लेल, हुनकासँ प्रश्न पुछबा लेल आ आशीर्वादक दू बोल सुनबा लेल सभ अपन बारीक प्रतीक्षा करऽ लगला। कनेके कालक बाद देशक पूर्व राष्ट्रपति डा. कलाम हुनका लोकनिक समक्ष शिक्षकक रूपमे उपस्थित छला। ओ छात्र-छात्रा लोकनि द्वारा बनाओल गेल माडल सभकेँ गँहिकी नजरिसँ निरीक्षण कऽ रहल छला। बनौनिहारसँ जिज्ञासा कऽ रहल छला तँ ओहिमे सुधार लेल सुझाओ सेहो दऽ रहल छला। जनिकासँ ओ दू शब्द बात केलनि ओ अपनाकेँ धन्य अनुभव कऽ रहल छला। हुनका संग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सेहो छला।


एक दिन सभ बनब आर्यभट्ट
दरभंगा : पोखरण परमाणु विस्फोट केनिहार इतिहास पुरुष डॉ. कलामसँ छात्र-छात्रा लोकनि एहन-एहन प्रश्न पूूछि रहल छला जे वयस्को नञि सोचि पबै छथि। पाँचम कक्षाक छात्र धनञ्जय कुमारक प्रश्न छल जे की ओ चिड़ै जकाँ अकासमे उड़ि सकै छथि। एहि प्रश्नपर डॉ. कलाम भाव-विह्वल भऽ गेला। कहलनि जे ओ तँ नञि उड़ि सकला, मुदा धनञ्जय अवश्य उड़त कारण ओकरा भीतर जे आत्मविश्वास भरल छै से सफलताक बाट फोलत। दिव्याक प्रश्न छल जे डॉ. कलामक आदर्श के छथि? एहिपर ओ कहलनि जे जखन दिव्याक उमेरमे छला तँ हुनक आदर्श वैज्ञानिक सुब्रहमण्यम अय्यर छलथिन। ओ सभकेँ एक दिन आर्यभट्ट बनबाक आशीष सेहो देलनि। जखन शिप्रा हुनक सफलताक रहस्य दऽ जिज्ञासा केलनि तँ डॉ. कलामक उत्तर छल ‘जीवनक लक्ष्य निर्धारण।’ ओ आधा दर्जन स्टॉल धरि गेला। लगभग 300 प्रतिभागी एहि शिविरमे भाग लऽ रहल छथि।

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