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गुरुवार, 19 अप्रैल 2012

LOKTANTRA KER MAULIK ADHIKAAR

मिथिलाक गाम घर :

विनीत उत्पल 
लोकतंत्रक परंपरा अछि जे आलोचना हेबाक चाही। जौं आलोजना सहबाक क्षमता केकरोमे नै अछि तँ ओ लोकतांत्रिक तँ कोनो विधिए नै भऽ सकैत अछि। ओ तँ तानाशाह भेल। अहिनामे तँ समाजमे विकृति अएबे करत आ से विकृति मिथिलामे देखल जा रहल अछि। एकरा कहएमे कोनो संदेह नै अछि जे गारि सभ लोक संस्कृतिक हिस्सा अछि। 

ऊपर देल गेल पंक्ति विदेह पत्रिका केर नव अंक स लेल गेल अछि , मुदा की विदेह केर एडमिन एकर अनुकरण करैत छैथ ?
किन्नहु नहीं ?

१) स्वक्ष चर्चा केर परिभासा की अछि ?

२) की विदेह केर एडमिन मेम्बर तानाशाही नहीं देखा रहल छैथ अपन पद के ?

३) जखन अपने विदेह एकर अनुकरण नहीं करैत छैथ तखन , दोसर पर आरोप लागोनिहर ओ के छैथ ?

४) की केकरो इ कहनाई उचित अछि , जे की या त विव्हिन्न ग्रुप पर देल गेल पोस्ट हटा लिय नहीं त परिणाम निक नहीं होयत ?

मिथिला निवासी स आग्रह जे की अहि स्वक्ष चर्चा मे अवस्य भाग ली आ अप्पन बहमूल्य विचार अवस्य राखी .

अपनेक
मिथिलाक गाम घर परिवार

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