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सोमवार, 24 दिसंबर 2012

वैज्ञानिक आ राजनेता संग लगाबथु कान्ह: कलाम


  वैज्ञानिक आ राजनेता संग लगाबथु कान्ह: कलाम

पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम कहलनि जे राष्टÑक उत्थान लेल वैज्ञानिक आ राजनेता संग मिलि कान्ह लगाबथु। आबऽ वला पीढ़ीकेँ ध्यानमे राखि नीति-निर्माण आ वैज्ञानिकसँ परामर्श कऽ योजना-निर्माणपर ओ जोर देलनि। ओ रविकेँ दरभंगा मेडिकल कॉलेजक आडिटोरियममे अपन विचार राखि रहल छला। अगस्त्य इण्टरनेशनल फाउण्डेशन, विकसित भारत फाउण्डेशन आ दरभंगा मेडिकल कालेजक संयुक्त तत्वावधानमेआयोजित कार्यक्रममे कहलनि जे वर्तमान शताब्दी ज्ञानक अछि। एकरे बलपर दुनिञा भरिमे अपन देश स्वतंत्र परिचय बना सकैत अछि। स्वतंत्रताक समय देशमे अन्नक उपजा बड़ कम छल। दोसर देशसँ अन्न क ीनल जाइ छल। ओहि समयक खाद्य मंत्री सी सुब्रहमण्यम प्रख्यात वैज्ञानिक डा. आरएस स्वामीनाथन संग मिलि योजना बनौलनि आ हरित क्रान्ति भेल। आयत केनिहार भारत निर्यातक बनि गेल। एहिना अन्य विकास योजनामे सेहो काज करबाक चाही। नव तकनीकीक  कारणेँ बढ़ि रहल पर्यावरण प्रदूषणपर चिन्ता करैत ओ कहलनि जे प्राकृतिक शोषण नञि हेबाक चाही। पानिक  उपयोग अनेरे नञि हो। मिसाइल मैन डा. कलाम युवा लोकनिक आह्वान करैत कहलनि जे मनुक्खक परिचय ओकर व्यक्तित्वसँ होइत अछि। एहि लेल अपना व्यक्तित्वकेँ आदर्श बनेबाक चेष्टा करू। आदर्श व्यक्तित्वक विशेष गुणकेँ बुझबैत ओ कहलनि जे सभसँ पहिने एहि लेल दृढ़ निश्चयी होएब आवश्यक अछि। निरन्तर ज्ञान ग्रहण करबाक प्रवृतिक, कठिन परिश्रमक क्षमताक संग विपरीत परिस्थितिमे सेहो विजयी हेबाक सामर्थ्य जाहि व्यक्तिमे होइछ वैह आदर्श बनै छथि। पूर्व राष्ट्रपति उपस्थित दर्शक-श्रोताक संग संवाद सेहो केलनि। कतेको प्रश्न मेडिकल छात्रसँ ओ पुछलनि आ अन्तमे पाँच गोट प्रश्नक जवाब सेहो देलनि। कार्यक्रममे मिसाइल मैनक सहकर्मी रहल डा. मानस बिहारी वर्मा आ डा. रामजी राघवन सेहो अपन विचार रखलनि। डा. रमण कुमार वर्माक सञ्चालन आ डीएमसी प्राचार्य डा. एसएन सिन्हाक धन्यवाद ज्ञापनसँ सम्पन्न कार्यक्रमक विज्ञान सत्रमे डॉ. विद्यानाथ झा, ई. राजेश्वर मिश्र, डा. हेतुकर झा आ पीयूष केशव सेहो अपन विचार रखलनि। कार्यक्रमक समापन सैयद शमीम अहमद अंसारी द्वारा प्रस्तुत राष्ट्रगानसँ भेल।

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