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शनिवार, 22 दिसंबर 2012

नओ साल, नओ सवाल - अजित कुमार आजाद


   नओ साल, नओ सवाल
अजित कुमार आजाद


           मैथिलीकेँ अष्टम अनुसूचीमे स्थान भेटलाक आइ नौ साल पुरि गेल। वर्ष 2003मे अझुके दिन पाँच करोड़सँ बेसी मैथिलीभाषीक सपना साकार भेल छल। सपना छल अपन भाषामे सांवैधानिक अधिकार भेटब, से भेटल। आइ हमरा समक भाषा 23 गोट अन्य भारतीय भाषाक संग प्रतिष्ठाक संग इतराय रहल अछि। इतराय हमहुँ सभ रहल छी। मुदा ई इतरेनाय कतेऽ सार्थक अछि अथवा कतेऽ निरर्थक, तकर पड़ताल करब जरूरी अछि।  की हमरा सभ विगत नओ वर्षमे नओ डेग आगू बढ़लहुँ अछि? की हमरा लोकनि ओहने स्थितिमे नहि छी जेना 2003सँ पहिने रही आ कि हमरा लोकनिक हाथमे तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयीक प्रतापसँ एकटा झुनझुना आबि गेल जकरा जखन-तखन, अवसर-कुअवसर बजबैत रहैत छी।
               हमरा लोकनिक पुरुखा जाहि कारणे मैथिलीकेँ सांवैधानिक अधिकार दियेबाक लेल व्यग्र छलाह अथवा कृत संकल्पित भेलाह, तकर अनेक कारण छल ताहिमे प्रमुख छल रोजी-रोजगारक अवसर भेटब, मैथिलीमे पढ़ौनी प्रारम्भ होयब, सरकारी संस्था सभमे मैथिलीक यथोचित व्यवहार होयब आदि मुदा उपरोक्त  कारणमेसँ बीपीएससी-यूपीएससी परीक्षाकेँ  यदि छोड़ि दी तऽ तकर बाद कतेक बहाली मैथिलीक नामपर भेल अछि? लोकसभा-राज्यसभा अथवा विधानसभा-विधानपरिषदमे आइ धरि एकहुुटा मैथिली अनुवादकक नियुक्ति नहि भेल अछि। लाखक-लाख शिक्षकक बहाली बिहारमे भेल मुदा मैथिलीक नामपर एकहुटा नञि। आकाशवाणी दरभंगा आ दरभंगा सहित मिथिलाक एकहुटा रेलवे स्टेशनपर क्रमेण प्रसारण-उदघोषणा नहि भऽ सकल अछि। मिथिलाक कोनो कोर्ट-कचहरीमे मैथिलीमे बहस तऽ छोड़ू, आवेदन-प्रतिवेदन आदि तक लोक-व्यवहारमे नञि आयल अछि आ एहिना-एहिनामे नओ वर्ष बीति गेल।
                   ई नओ वर्ष ओतबा समय तऽ अवश्य छल जाहिमे हमरा लोकनि मैथिलीकेँ नओ धाप आगू बढ़ा सकैत छलहुँ। से प्राय: तखन जखन कि एही अवधिमे 7 गोट पैघ-पैघ चुनाव बिहारमे सम्पन्न भेल अछि। 2 बेर लोकसभा, 3 बेर विधानसभा आ 2 बेर पंचायतक चुनाव एहि अभ्यंतर सम्पन्न भेल अछि। एकर अछैत हमरा लोकनि अपन जन-प्र्रतिनिधिकेँ मैथिलीक नामपर सङोर नञि कऽ सकलियनि। हद तऽ ई अछि जे अपवाद छोड़ि कऽ मैथिलीमे पर्चा-पोस्टर तक नजरिमे नञि आयल अछि। एहि सभ लेल हमरा लोकनि दोषी छी वा नञि अथवा अहू लेल हमरा लोकनि आने साल जकाँ सरकारकेँ दोषी ठहड़एबाक प्रयत्न करब? मैथिलीक कोनो पत्रिका आइयो ओतबे बिका रहल अछि, जतबे 2003सँ पहिने बिका रहल छल। एहि मामिलामे सरकार कतऽ दोषी अछि? साले साल बाबा विद्यापतिक नामपर लोकसभकेँ जमा कऽ कऽ, पदनधोत सभकेँ पाग-चद्दरि आदि ओढ़ा-पहिरा, भाँट जकाँ स्तुति गान कऽ कऽ हमरा लोकनि की साबित करए चाहैत छी से नञि जानि मुदा एतबा धरि सत्य अछि जे सम्मानित होबऽवला नेता-अभिनेता लोकनि हमरा सभकेँ गमि लेलनि अछि। मैथिलीक प्रति हमरा सभक आस्थाकेँ मड़ुआक दोबर बेचऽपर जे लोकनि उताहुल छथि तिनका लोकनिकेँ अपन छातीपर कतेक दिन धरि हमरा लोकनि बर्दास्त करब? एकर जवाब मांगी तँ ककरासँ मांगी? ई सवाल पछिला नओ सालसँ हमरा फिरीशान कएने अछि लगातार।

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