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नाली है जो नाला था, सडक कभी ये काला था, पेड लगे थे यहां कभी, कभी यहां गौशाला था, महल के खंडहर से लहराता, दिखता कभी तिरंगा था। मैंने तो हर गली तलाशी, यहीं कहीं दरभंगा था।
नाली है जो नाला था, सडक कभी ये काला था, पेड लगे थे यहां कभी, कभी यहां गौशाला था, महल के खंडहर से लहराता, दिखता कभी तिरंगा था। मैंने तो हर गली तलाशी, यहीं कहीं दरभंगा था।
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