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सोमवार, 25 जून 2012

भाई बनल बहिनक बाप

सुधाकर आई बर खुश छल कारण आई ओकर छोट बहिन खुशबु केर विवाह होमय जा रहल छल  . आजुक शुभ मांगलिक बेला केर अवसर पर  अचानक ओकरा मोन परि गेल ओही दिन केर गप्प जाहि दिन ओकर बाप मुइल आंगण मे परल छल आ ओकर बाप्प पित्ती किओ लहाश उठेबाक हेतु आगू तक नहीं बढ़ल . 

जाहि समय सुधाकर केर पिता केर देहांत भेल ताहि समय ओ मात्र ८ वर्ष केर छल आ संभवतः ओही समय ओ कक्षा ४-५ केर छात्र रहल हैत . 

ओकर बाबा जिनक नाम गोपाल जी झा छल जे की बिहार सरकार केर शिक्षा विभाग मे कार्यरत छल . गोपाल बाबु केर अपन जेष्ठ बालक आ सुधाकर केर बाप अर्थात कृष्ण कुमार झा स कहियो पटरी नहीं खेलक जेकर परिणाम इ भेल जे की शुधाकर केर बाप का गाम छोरी परदेश खात्बाक हेतु जाय क लेल मजबूर होमय पडल .

परदेश मे सुधाकर केर बाप्प एक ता प्राइवेट प्रतिष्ठान मे कार्यत्त छाल आ एतेक पाई अवस्य कमा लेत छला जाहि स हुनक परिवार केर रोटी नून चलि  जैत छल .
मुदा आब की होयत ?
कोना ओकर परिवार केर गुजर चलत ?
के ओकर जिम्मा लेत ?

मुदा अहि सब स अनजान सुधाकर अपन नेन पन मे मशगुल छल . ओकरा अहि सब स कोनो लेना देना नहीं छल . ओम्हर किछु जनानी ओकर गर्दन पकरी- पकरी कानी रहल छल आ कही रहल छल ..... सुधाकर तो आब बाप्प तुगर भ गेले के तो हर आ तोरा परिवार केर देखताहू ....?
सुधाकर मासुम्यत स उत्तर देलक काकी चिंता जुनी करी बाप मरी गेल किन्तु हमर माई एखन तक जीवित अछि आ हम अपने सेहो जीवित छि .

मुदा एहन दारुण दृश्य देखबाक बावजूद गोपर बाबु ढेंग जाका दालान पर बैसल छल .... कहना दियाद बाद सब केर मदद स ओकर बाप केर श्राद्ध क्रम सब कैल गेल .

श्राद्ध केर उपरान्त ओकर पारिवारिक स्थिति दयनीय भ गेल आ मजबूर भ ओकर माई केर देल्ही जा  कामी करय परल .

इम्हर शुधाकर आ ओकर बहिन खुसबू दिन भरी घर मे नौकर जाका २४ घंटा खटैत रहैत छल तखन जाक किछु रुखल सूखल खेबाक लेल भेटी जैत छल . 

एक दिन केर बात अछि शुधाकर अपन कोठली मे सुतल छल ... आ नींद मे त्क़हल्बाक बीमारी हेबाक कारने अपन छोटकी काकी केर बिछाओन पर जाक सूती रहल .... भिनुशरबा मे जखन सब केर निन्न टूटलै आ शुधाकर केर काकी ओकरा अपना लग शुतल देखि आगि बबूला भ गेलखिन आ शुदाकर केर अत मारी मार लखीन जाहि स ओ अधमरु भ गेल .... अहि मारि केर बाद शुधाकर  घर छोरी दरभंगा आबी गेल आ ओही थाम एक ता कॉलेज केर प्रोफ्फेसर ओही थम नौकरी का लेलक .

प्रोफ्फेसर साब ओकर लगन देखि ओकरा स बर प्रभावित भेलखिन आ ओकर मदद करय लागल खिन .
मेट्रिक केर परीक्षा त शुधाकर गाम स द क आयल छल आ अहि थाम प्रोफ्फेसर बाबु केर छत्र छाया मे रही इंटर विज्ञानं केर तैयारी सेहो निक जाक करय लागल . प्रोफ्फेसर बाबु ओकरा लेल सदिखन प्रस्तुत रहैत छलखिन .

आई इंटर केर रिजल्ट निकलै वाला अछि ... शुधाकर केर मन मे धुक धुकि उथल अछि आ दर सेहो मन मे व्याप्त अछि जाहि कारने ओ इन्टरनेट पर अपन रिजल्ट देखबाक लेल कोनो थाम नहीं गेल आ नहीं अपन रोल नंबर केकरो देलक .

भोर मे जखन प्रोफ्फेस्सेर बाबु पेपर बध्बाक लेल बैसला ता हुनक खुसी केर कोनो शीमा  नहीं रहल ..... 
शुधाकर .... शुधाकर ... आहा कतय छि देखू आहा पूरा राज्य में अव्वल अस्थान आन्लाहू अछि ....
इ खबर सुनी शुधाकर काने लागल आ कानैत कानैत कहलक बाबूजी हम आहा केर ऋण स कहियो उरिण नहीं भ सकैत छि . 

शुधाकर केर लगन देखि प्रोफ्फेसर साब सुपर ३० केर अभय आनंद लग ओकरा हाथ में एक टा पत्र दय विदा क देलखिन . अभय आनंद सेहो शुधाकर केर प्रतिभा देखि ग़द्द ग़द्द छल .आनंद बाबु केर आशीर्वाद आ शुधाकर केर कठिन मेहनत स शुधाकर केर आई . आई . टी मे नामांकन भ गेल .


इम्हर शुधाकर लगन स पढ़ाई क रहल छल आ ओम्हर ओकर बहिण खुशबु अपन बाबा आ काका काकी द्वारा देल प्रतारणा केर चुप चाप सही अपन जीवन कहूना निर्वाह क रहल छल . शुधाकर केर माई सेहो आब भरोष हारी चुकल छली . हुनका कखनो कखनो संदेह होइत छल जे की शुधाकर कहियो घुरी केर गाम आओत की नहीं ... ?

एक दिन केर गप्प अछि गोपाल बाबु शुधाकर केर माई केर अत माइर मार लथीन आ बेज्जती क दुनु माई बहिन केर घर स निकाली देल थिन .

प्रोफ्फेसर बाबु केर जखन अहि गप्प केर भाज लागलें टा ओ शुधाकर केर किछु नहीं कही चुप चाप दुनु माई बेटी केर अपना लग अपना घर पर बजा लेल थिन .

समय केर पहिया अहिना तीव्र गत्ति स चलैत रहल आ अपन उचित स्थान पर आबी थमाकी गेल . 
आई शुधाकर शुधाकर नहीं छल बल्कि एन . टी .पि .सी . कंपनी केर सेनिओर इंजिनयार छल .

शुधाकर जखन घुरी क प्रोफ्फेसर साब लग पहुचल त ओकरा अपन माई आ बहिन पर बीतल सब घटना केर जानकारी भ गेल छल . अहि थाम आबी शुधाकर अपन माई आ बहिन संग अपन गाम पहुचल . आब ओही परिवार केर ओकरा परिवार प्रति भावना बदली चुकल छल .

अचानक आँगन स शुधाकर के किओ शोर केलक आ अहि शोर केर कारण ओकर निद्रा भंग भ गेल .
शुधाकर देख्लैन जे की ओकर माई ओकरा कही रहल छल थिन जे की चल बेटा कन्या दान करबाक अछि .

अग्नि केर साक्षी मानी ओ अपन बहिनं केर कन्या दान क रहल छल आ किछु जननी कही रहल छली जे की शुधाकर खुशबु केर भाई नहीं अपीति बाप बनी के देखेलक .




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