मिथिलाक गाम घर :
जाहि धरती पर जानकी जनमल
ओ धरती थिक मिथिला यौ
चाकर बनि जतय शंकर आओल
ओ धरती थिक मिथिला यौ
सकल चराचर भरी जगत मे
कतहु नहीं भेटत एहन नगरी यौ
जाहि ठाम सुगा वेद पढैत अछि
ओ धरती थिक मिथिला यौ .
कमला कोसी जतय बहैत अछि
ओ धरती थिक मिथिला यौ
राम केर सासुर जाहि ठाम देखब
ओ धरती थिक मिथिला यौ
ब्रह्मा विष्णु शंकर गाओल
महिमा गाओल वेद पुराण
बालो अहम् जगदानंद शंकर
ओ धरती थिक मिथिला यौ .
रोशन कुमार झा
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