मिथिलाक गाम घर :
दाम
किताब केर दूकान देखैत देरी अविनाश के किताबक भूख जागी गेल . कतेको महिना स ओ निक किताब ताकि रहल छल . अप्पन पसंदक लेखक केर किताब दूकान केर काउंटर पर राखाल देखलक . सुंदर आवरण , बढ़िया कलेवर आ मनो अनुकूल किताबक सामग्री .... किताब क पन्ना उलट्टी पुलाट्टी खुस होमय लागल . " यौ बाबू ठाढ़े ठाढ़ पूरा किताब पढ़ी लेब की ? " किताब बाला टोंकलकैन....... अचानक अविनाश केर नज़र किताब केर छपल दाम पर परल . " ३७० " रुपैया मात्र , मन उचैट गेलैन . किताब केर चुप चाप काउंटर पर राखी देलैन . आ २ रुपैया वाला अखबार किनी अप्पन घर दिश बिदा भ गेला .
रोशन कुमार झा
दाम
किताब केर दूकान देखैत देरी अविनाश के किताबक भूख जागी गेल . कतेको महिना स ओ निक किताब ताकि रहल छल . अप्पन पसंदक लेखक केर किताब दूकान केर काउंटर पर राखाल देखलक . सुंदर आवरण , बढ़िया कलेवर आ मनो अनुकूल किताबक सामग्री .... किताब क पन्ना उलट्टी पुलाट्टी खुस होमय लागल . " यौ बाबू ठाढ़े ठाढ़ पूरा किताब पढ़ी लेब की ? " किताब बाला टोंकलकैन....... अचानक अविनाश केर नज़र किताब केर छपल दाम पर परल . " ३७० " रुपैया मात्र , मन उचैट गेलैन . किताब केर चुप चाप काउंटर पर राखी देलैन . आ २ रुपैया वाला अखबार किनी अप्पन घर दिश बिदा भ गेला .
रोशन कुमार झा
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