मिथिलाक गाम घर
आई चलू संगे प्रेम गीत गेबै प्रिय
एकटा प्रेमक महल बनेबै प्रिय .
गीत गबैत गबैत हम जेबै प्रिय
अपन प्रेमक महल सजेबै प्रिय .
अहि ज़माना स आब नहीं डरेबै प्रिय
चाँद तारा स महल केर सजेबै प्रिय .
गीत गाबी राधा कृष्ण के रीझेबै प्रिय
हुनको महल में आसन लगेबै प्रिय .
सगरो दुनिया केर आब दखेबै प्रिय
"रोशन" फुंस केर महल बनेबै प्रिय .
रोशन कुमार झा
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