मिथिलानी सीता नवमी अर्थात सीता माएक जन्म दिवस
सीता माएक जन्म भारतक पावन भूमि मिथिलाक आँगन सीतामढीमे भेल ।
वैशाख मासमे शुक्ल पक्षक नवमीकेँ दिन सीता नवमी सभ साल मनाएल जाएत अछि । धर्म ग्रंथक अनुसार
एहि दिन माए सीता का प्रगट भेल छलीह । मिथिलामे एहि पवनिकेँ
जानकी नवमी सेहो कहल जाएत अछि । एहिबेर ई
पवनि 30 अप्रैल सोमवारकेँ अछि । शास्त्रक
अनुसार वैशाख मासक शुक्ल पक्षक नवमीकेँ दिन पुष्य नक्षत्रमे जखन
महाराज जनक संतान प्राप्तिक कामनासँ
यज्ञ-भूमि तैयार करैक हेतु हरसँ भूमि जोतए छलाह, ताहि काल पृथ्वीसँ एक
बालिका शिशु प्रगट भेलीह । जोतल भूमि आ हरक नोककेँ सीता कहल जाएत
अछि , तेँ प्रगट भेल बालिकाक नाम
सीता रखल गल। ई तिथ वैष्णव संप्रदाय भक्त लोकनि संग सभ मैथिल लेल पावन हेबाक कारणेँ जगत
जननी सीता माएक व्रत ओ विधि-विधानसँ पूजा करैए छथि । एहेन कहल जाएत अछि जे एहि दिन व्रत
रखलासँ आ पूजा केलासँ श्रीराम राम सहित पृथ्वी दान केलाक फल आ सोलह महत्वपूर्ण दानक फल सेहो
भेट जाएत अछि । अत: सीता माएक नवमी अर्थात जन्म दिवस पर व्रत जरूर राखक चाही ।
मिथिलानी सीता मैया की जाय
मिथिलानी सीता मैया की जाय
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