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गुरुवार, 5 अप्रैल 2012

मिथिलाक गाम घर :

मिथिलाक गाम घर :

पधुआ काका दल्लान पर बैसल छलाह . हम हुनका देखि कहलियैन ? पधुआ काका गोर लागैत छि .... और सब ठीक छाई ने ?
ओ हमरा दिश तमसैत बजलाह भोरे-भोर तोरो बुद्द्बक बन बैक लेल कियो नहीं भेत्लाह जे हमरा बुरी बना रहल छः .
हम कहलियैक पधुआ काका की भेल ? हम अपनेक बुद्द्बक किअक बनायब , बाप अ पीत्ति मे कोनो अंतर थोरबी होई छै . 

ओ कहलें औ जी हमरा सनक कारी आदमी केर गोर कही मजाक करैत छः आ पुछैत छः जे की भेलैक .
हम कोनो तोरा काकी जाका फैर एंड लोवेली थोर्बे लगबैत छि जे की हम गोर भ जायब .

हम पधुआ काका केर बिनु उत्तर देने चुप चाप ओही थाम सा बीड़ा भ गेलहु .

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