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गुरुवार, 12 अप्रैल 2012

जानकी जनम

मिथिलाक  गाम  घर :

राजा जनक   घर जानकी जनम लेल ,
मची गेल नगरी मे शोर .

मची गेल नगरी मे शोर गे माई ,
मची गेल नगरी मे शोर गे माई 
राजा जनक   घर जानकी जनम लेल ,
मची गेल नगरी मे शोर .

किओ सखी गाबई , किओ बजाबाई,   
किओ गबाइए मंगल गान , गे माई 
 रानी सुनैना केर आरती उतरैत ,
ल केर हरियर दुभी धान .

अन्न - धन बाटत  राजा जनक जी . 
मन्न ही मन मुसुकाई गे माई .
 धन्य -धन्य हमर , भाग्य रे विधाता ,
हमारा पर भेले तू सहाई .

जिनकर आँगन  मे लक्ष्मी स्वरुपा ,
बेटी खेलत आठो - याम ,गे माई 
ओही नगरी केर हम छि वासी ,
रोशन  करैत अछि प्रणाम .

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