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बुधवार, 7 मार्च 2012

मिथिलाक गाम घर 






सिह्कल बसात फेर मोन परल गाम,
फरल हेते काँच जामुन,आम,लताम,....

ओहो ओहिना हेती ऐसगर बैसल,
जेने माल-जाल बिनु होय बथान,.....

गामक खेतक आइरि मे ऐखनो,
गमकि रहल अछि ककरो घाम,......

नैनक काजर जेना लगैत अछि,
नोर बनि बरिसत ऐहिथाम,...

आफिस के ए.सी. मे बैसल हम,
तकि रहल छि अपन खरिहान,...

सबता ब्यथा बुझै छि 'गुंजन' तैयो,
हूँनका लेखे हम छि अकान,....

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