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रविवार, 13 मार्च 2022

वाह रे पैसा! तेरे कितने नाम ?

मंदिर मे दिया जाये तो *( चढ़ावा )* 

स्कुल में *( फ़ीस )*
शादी में दो तो *( दहेज )*
तलाक देने पर *( गुजारा भत्ता )* 
आप किसी को देते हो तो *( कर्ज )* 
अदालत में *( जुर्माना )*
सरकार लेती है तो *( कर )* 
सेवानिवृत्त होने पे *( पेंशन )*
अपहर्ताओ के लिएं *( फिरौती )*
होटल में सेवा के लिए *( टिप )*
बैंक से उधार लो तो *( ऋण )*
श्रमिकों के लिए *( वेतन )* 
मातहत कर्मियों के लिए *( मजदूरी )*
अवैध रूप से प्राप्त सेवा *( रिश्वत )*
और मुझे दोगे तो *(गिफ्ट)*
 *मैं पैसा हूँ:!* 
मुझे आप मरने के बाद ऊपर नहीं ले जा सकते; मगर जीते जी मैं आपको बहुत ऊपर ले जा सकता हूँ।
*मैं पैसा हूँ:!* 
मुझे पसंद करो सिर्फ इस हद तक कि लोग आपको नापसन्द न करने लगें।
*मैं पैसा हूँ:!* 
मैं भगवान् नहीं मगर लोग मुझे भगवान् से कम नहीं मानते।
*मैं पैसा हूँ:!* 
मैं नमक की तरह हूँ; जो जरुरी तो है मगर जरुरतसे ज्यादा हो तो जिंदगी का स्वाद बिगाड़ देता है।
*मैं पैसा हूँ:!* 
इतिहास में कई ऐसे उदाहरण मिल जाएंगे जिनके पास मैं बेशुमार था; मगर फिरभी वो मरे और उनके लिए रोने वाला कोई नहीं था।
*मैं पैसा हूँ:!* 
मैं कुछ भी नहीं हूँ; मगर मैं निर्धारित करता हूँ; कि लोग आपको कितनी इज्जत देते है।
*मैं पैसा हूँ:!*  
मैं आपके पास हूँ तो आपका हूँ:! आपके पास नहीं हूँ तो; आपका नहीं हूँ:! मगर मैं आपके पास हूँ तो सब आपके हैं।
 *मैं पैसा हूँ:!*  

मैं नई नई रिश्तेदारियाँ बनाता हूँ; मगर असली औऱ पुरानी बिगाड़ देता हूँ।

*मैं पैसा हूँ:!*

मैं सारे फसाद की जड़ हूँ; मगर फिर भी न जाने क्यों सब मेरे पीछे इतना पागल हैं:?।

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