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रविवार, 9 जून 2013

कतऽसँ कतऽ गेल मोर गाम?

71. कतऽसँ कतऽ गेल मोर गाम ?

20 वर्षक बाद गाम घूरि रहल छलौं ।बुझू जे अपने गाममे भुतिया गेल छलौं ।नै एकपैरिया भेटल आ ने कच्ची, सब ठाम करीया पीच ।इनार आ घैलक चेन्ह मेटा गेल छल, सगरो नल आ फ्रीज छल ।घोघक बात तँ पौराणिक खिस्सा जकाँ लागैत छल, आब छल हाफे-हाफ कपड़ा उहो देहसँ सटल ।दारू आ सिगरेटसँ हवा नशामे आबि आगि बरसा रहल छल ।एक दिश बिगड़ैत संस्कार देख मोन मलीन भेल छल तँ दोसर दिश चौतरफा विकास देख छाती चालीस इन्च नमरि गेल छल ।उत्थान-पतन दुनू देख दुख आ खुशी घोरैत एक्के टा शब्द करेजसँ बहराइत छल "कतऽसँ कतऽ गेल मोर गाम ?"

अमित मिश्र

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