Blogger templates

रविवार, 15 जुलाई 2012

गजल


चमकल मुख अहाँक इजोर भऽ गेलै
अधरतिए मे लागै जेना भोर भऽ गेलै

काजर बूझि हमरा नैन मे बसा लिअ
अहाँक नैना मारूक चितचोर भऽ गेलै

कुचरै कौआ रहि रहि मोर आंगन मे
जानि अबैया अहाँक मोन मोर भऽ गेलै

नैनक इशारा दैए प्रेमक निमन्त्रण
आब लाजे कठुआ कऽ बन्न ठोर भऽ गेलै

बनल नाम अहींक "ओम"क प्राण-डोरी
अहाँक आस मे करेज चकोर भऽ गेलै
सरल वार्णिक- १५ वर्ण

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें