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मिथिला विभूति डॉक्टर लक्ष्मण झा
*************** मिथिला विभूति डॉक्टर लक्ष्मण झा *******************
महात्मा गाँधी क सिद्धायंतक अनुगामी, स्वतंत्रता -संग्रामक योध्दा , राष्ट्रभारतीक प्रति अपार स्नेहशील , मातृभाषा मैथिलीक अनन्य उपासक , मिथिलाप्रांतक निर्माण आ ओकर उत्थानक लेल जीवनपर्यन्त संघर्षशील डॉक्टर लक्ष्मण झा ( ५ सितम्बर १९१६) एक प्रखर उच्च्कोटिक विद्वान् छला. मैथिलीक अतिरिक्त हुनका अंग्रेजी , हिन्ढी, संस्कृत भाषा में सामान रूपसँ अधिकार छलनी. १९४९ में " मिथिला एंड मगध " विषय पर लन्दन विश्वविद्यालयसँ P.H.D क उपाधि प्राप्त क कैम्ब्रिज आ ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालयमें अध्यापन कार्यक लेल निमंत्रणकें छोड़ी ओ दशक सेवा करबाक हेतु वापस अयलाह. किछु दिनक बाद बिहार सरकारक पटना स्थित कशी प्रसाद जयशवाल स्गिद्ग संस्थानमे उपनिदेशक पद पर कार्य केलैनी. १९५२ में सोशलिस्ट पार्टिक टिकेट पर लोगसभाक चुनावमे उम्मीदवार बनला. १९५०-५१ सँ लय जीवनक अंतिम समय धरी डॉक्टर लक्षमण झा सारस्वत साधना में निरंतर लागल रहला. हुनक मिथिला आ मैथिलीक संबंध में १५ गोट पोथी मैथिली, अंग्रेजी आ हिन्ढी में प्रकाशित छनि. एकर अतिरिक्त अंग्रेजी में ११ , मैथिली में ४ आ हिन्ढी में १ टा प्रकाशित ग्रन्थ अछि. १९७७-७८ तक इ L.N.M.U के कुलपतिक पदकें गौरवान्वित कयलनी. अपन मातृभूमि मिथिला ओ मातृभाषा मैथिलीक उत्थानक लेल जीवनभरि कार्य आ चिंतनमें लागल मिथिलाक बिभूति डॉक्टर लक्ष्मण झा अपना गाम रसियारी में २३ जनवरी २००० क अपन अनंत यात्रा पर विदा भ गेला.

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