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गुरुवार, 19 अप्रैल 2012

भारत में दहेज़ और कानून ----

भारत  में  दहेज़  और  कानून --

आम मैथिल जन हेतु भारतके दहेज ऊपर कानूनके मैथिलीमें प्रस्तुती लेल एहि डक्युमेन्टके निर्माण कय रहल छी। अवश्य एहि सऽ बहुतो सदस्य के संग अन्य मैथिल केर दहेज के कानून के विषयमें बेसी सऽ बेसी जानकारी उपलब्ध हेतन्हि।

अपनेक:
प्रवीण ना. चौधरी
आभार: श्री भावेन्द्र मिश्र जिनक इ इच्छा भेलन्हि जे एहि कार्य सऽ बहुत मैथिल लाभान्वित हेताह। अवश्य हिनकहि प्रेरणा सऽ एहि पुनीत कार्य करबाक इच्छा भेल। धन्यवाद! दोसर आभार विकिपेडियाके जाहि ऊपर समुचित जानकारी अंग्रेजीमें भेटल आ जेकरा हम क्रमशः मैथिलीमें अनुवाद करब। त्रुटि के सुधार हेतु सुझाव आमन्त्रण करैत छी।

हरिः हरः!
भारतमें दहेज के कानून


(विकिपेडिया सँ लेल गेल)

संसार भैर दहेज के भुगतानके जाहिमें उपहार - अधिकांशतः नकदी (वित्तीय अनुदान) के रूपमे करबाक पैघ इतिहास छैक। भारतमें, दहेज केर भुगतान १९६१ में भारत के सिविल लॅ (नागरिक कानून) में प्रतिबंधित कैल गेलैक - परिणामतः ३०४बी आ ४९८ए भारतीय दंड संहिता में जोड़ल गेलैक जाहिसँ पति वा पतिके परिवार द्वारा संभावित प्रतारणा सऽ पत्नी आवश्यक न्याय पाबि सकैत छथि। नारी एवं हुनक सम्बन्धित परिवार द्वारा कैल जा रहल दुरुपयोगके कारण दहेजके कानूनके बहुत आलोचना सेहो कैल गेल अछि।

भारतमें, बहुत नागरिक कानून, अपराध कानून एवं विशेष वैधानिक अधिनियम दहेज के परंपरा के विरोध में बनायल गेल छैक। दहेज लेबयवाला अपराध के आरोपी ऊपर अनेको प्रकारके कानूनी प्रक्रिया के भार वहन करय पड़ैत छैक।

विषय सूची:
१. परिभाषा
१.१ दहेज
१.२ स्त्रीधन

२. दहेज निषेध अधिनियम
३. भारतीय दंड संहिता धारा ४०६
४. भारतीय दंड संहिता धारा ३०४बी
५. भारतीय दंड संहिता धारा ४९८ए
६. घरेलु हिंसा अधिनियम (२००५/२००६)
७. दहेज-विरोधी कानूनके आलोचना
७.१ न्यायपालिका द्वारा आलोचना
७.२ भारतके बाहर आलोचना
७.३ समाजिक संस्था द्वारा आलोचना
७.४ पुरुष अधिकार आन्दोलन द्वारा आलोचना
७.५ पूलिस के द्वारापरिपत्र
७.६ कानून में संशोधन के माँग
७.७ समाजिक प्रतिक्रिया
८. इहो देखू
९. संदर्भ हवाला
१०. बाहरी लिंक

परिभाषा
अनेको कानून विज्ञ एहि परिभाषा के अधूरा आ दुरुपयोग करयवाला रूपमें चिह्नित करैत छथि।

दहेज
दहेज निषेध अधिनियमके धारा २ अनुसार
... "दहेज" शब्द के अर्थ कोनो धन या मूल्यवान्‌ प्रत्याभूति जे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप सऽ देल गेल या देबय लेल स्वीकार कैल गेल
(ए) विवाहकेर एक पक्ष के द्वारा विवाहकेर दोसर पक्ष के, या
(बी) विवाह के कोनो पक्षके माता-पिता द्वारा वा अन्य कोनो पक्ष द्वारा, विवाहके कोनो एक पक्ष के वा अन्य कोनो पक्षके, विवाहके समय या ओहि सऽ पहिने वा विवाह उपरान्त कोनो समयपर जे उपरोक्त पक्षके विवाह सऽ सम्बन्धित होइक।

स्त्रीधन
स्त्रीधन के सामान्य तात्पर्य ओहि धन जेकरा कोनो स्त्री अपन धनके रूपमें दावी अपन वैवाहिक सम्बन्धीसंग कय सकैछ ताहि सँ होइछ। एहिमें ओकर आभूषण (जे ओकर पैतृक वा ससुराल पक्ष द्वारा उपहारमें देल गेल हो), जे उपहार ओकरा विवाह के समय वा बादमें देल गेल हो, दहेज के अन्य वस्तु जे ओकर परिवार द्वारा देल गेल हो। जे उपहार दुल्हिनकेर माता-पिता द्वारा देल गेल हो तेकरा स्त्रीधन अर्थात्‌ स्त्रीके धन मानल जैछ, पारंपरिक रूपमें जेकरा ओकर पैतृक धनके हिस्सा के प्रतिनिधि करयवाला सेहो मानल जाइछ। 

दहेज निषेध अधिनियम

तत्कालीन भारतीय कानून मंत्री अशोक कुमार सेन द्वारा तैयार एवं प्रस्तुति, इ अधिनियम [४] कोनो प्रकारके दहेजके अनुरोध, भुगतानी वा स्वीकृति के निषेधित करैत अछि, जे विवाहक प्रस्ताव हेतु होइत अछि। जतय दहेज के परिभाषा माँग कैल गेल उपहार वा विवाहपूर्व कोनो शर्तके पुर्तिके रूपमें होइछ। जे उपहार बिना पूर्व-शर्त/माँग रूपमें देल जाय तेकरा दहेज नहि मानल जाइछ, आ ओ वैधानिक सेहो होइछ। माँग करब वा दहेज देब हेतु छः महीनाके जेलके सजाय, या फेर रु.१५०००/- के जुर्माना या फेर दहेजक रकम जे कोनो अधिक होइक आ संगहि ५ वर्ष तक के कैद के सजाय। इ कानून पूर्वमें बनायल अनेको दहेज विरोधी कानून जे विभिन्न भारतीय राज्य द्वारा बनायल गेल छल तेकरा प्रतिस्थापित कयलक।

उपरोक्त नियमन के धारा ४ अनुसार:

४. दहेजके माँग करनिहार लेल जुर्माना: यदि केओ लोक/पक्ष प्रत्यक्ष वा अप्रत्यक्ष रूपसँ दुल्हिनके माता-पिता वा अन्य सम्बन्धी वा अभिभावकसँ दहेजके माँग करैछ, तखन दहेज, के जे-जेहेन स्वरूप हो, ओ लोक/पक्ष दण्डके अधिकारी होयत जाहिमें कम से कम छः महीना के कैद, लेकिन दू वर्ष तक जेकरा बढायल सेहो जा सकैत छैक संगहि जुर्माना जे दस हजार तक भऽ सकैत छैक; यदि न्यायालय समुचित आ विशेष कारण सऽ निर्णयमें उल्लेख केने हो, कम से कम छः महीना कैदके आदेश जारी कैल जा सकैत अछि। जखन कि, अधिनियम के धारा ३ अनुरूप, दुनू दहेज देनहार आ लेनहार लेल सजा के प्रावधान अछि।

३. दहेज देनहार या लेनहार लेल जुर्माना: [नोट: धारा ३ जे अधिनियम संख्या ६३, १९८४ ई. के धारा ३ के उपधारा १ में पुनरांकित कैल गेल अछि] यदि कोनो व्यक्ति, एहि अधिनियमके प्रारंभ भेला उपरान्त, दहेज दैत अछि वा लैत अछि वा देब-लेब करयके बात तय करैत अछि, तऽ ओकरा कम से कम ५ वर्ष के कैद, आ संगहि कम से कम १५,०००/- वा ताहि दहेज के बराबर रकम - जे बेसी हेतैक ततेक रकम के जुर्माना चुकाबैक लेल सजा देल जा सकैत छैक। (नोट: एहि धाराके फेर अधिनियम संख्या ४३, १९८६ ई. के धारा ३ द्वारा प्रतिस्थापित कैल गेल अछि।) - यदि न्यायालय समुचित आ विशेष कारण सऽ निर्णयमें उल्लेख केने हो, जे कम से कम ५ वर्षके कैद वा उप-धारा १ के कोनो बात एहिमें लागू नहि होयत या एहि सऽ सम्बन्ध नहि राखत -
अ. विवाह के उपलक्ष्यमें देल गेल उपहार (जे ओहि विवाह लेल बिना कोनो माँग के हो)
ब. दूलहा-दूलहिन लेल देल गेल उपहार (जे ओहि विवाह लेल बिना कोनो माँग के हो);
यदि ओ उपहार एहि नियमके द्वारा तैयार कैल गेल सूची के अन्तर्गत हो।
आ, यदि ओ उपहार जेकरा द्वारा वा दूलहिनके पक्ष सऽ सम्बन्धित कोनो व्यक्ति द्वारा देल गेल हो से ओहि व्यक्तिके आर्थिक क्षमता (औकात) के अन्तर्गत हेबाक चाही।

भारतीय दंडविधान संहिता ४०६
एहि धारामें, एहेन विरोधी क्रियाकलाप जे अपराध आ विश्वासघात सऽ सम्बन्धित हो, सामान्यतया स्त्रीधन के वसूली पति वा हुनक परिवारसँ कैल जाय, ताहि पर नियम बनायल गेल अछि। एहेन अपराध जमानती आ न्यायालय द्वारा सुनवाई/विचार योग्य होइत छैक।

धारा ४०६
अपराधिक विश्वासघात लेल सजाय
जे केओ विश्वासघात लेल अपराध करैछ तेकरा लेल समुचित कैद जे तीन साल तक के सीमामें भऽ सकैत छैक, या फेर जुर्माना या दुनू भऽ सकैत छैक।

भारतीय दंडविधान संहिता ३०४ब
भारतीय दंडविधान संहिताके ई धारा १९८६ के संशोधन प्रस्ताव पारित करैत कैल गेल छैक। एकर शब्द-भावना अनुरूप:
धारा ३०४ब - दहेज लेल मौत
(१) यदि कोनो महिलाके मृत्यु जरा कऽ वा शारीरिक चोटके कारण जे सामान्य दुर्घटना नहि हो आ जे विवाह के सात साल भीतर भेल हो आ ईहो देखल गेल हो जे मृत्यु सऽ ठीक पहिने ओकरा ऊपर जुर्म या प्रताड़ना ओकर पति या पतिके परिवार वा केओ सम्बन्धित द्वारा कैल गेल हो, जे दहेज के माँग लेल हो, एहेन मृत्युके "दहेज लेल मौत" मानल जाय आ पति वा परिवार वा सम्बन्धित जे केओ एहि मौत के देनिहार मानल जायत।

प्रवीन नारायण चोधरी
 दहेज़ मुक्त मिथिला
सोराठ सभा गाछी
मधुबनी . बिहार

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