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रविवार, 15 अप्रैल 2012

दहेज मुक्त मिथिला

समस्त मिथिलावासी के फेसबुक के माध्यम सऽ आ सम्पर्कित सँ दूरभाष व अन्य स्रोत द्वारा सूचित कैल जाय जे ३० अप्रील, २०१२ परम सुहावन दिवस होयत - जानकी नवमी मनाबय लेल समस्त मैथिल सँ हमर अनुरोध अछि। जेना सीता जी अपन असीम त्याग - पतिव्रता धर्मके निर्वाह - राजधर्मके निर्वाह करैत जनताके इच्छा लेल स्वयं के स्वामी रामसँ नहि सिर्फ निर्वासित जीवन बिताबय के बल्कि अग्नि परीक्षा में स्वयंके पाक-प्रतिष्ठित देखबितो पुनः अपन पुत्र लव आ कुश के संग निर्वासित जीवन बितायब - ऋषि आश्रम में शरण लेब... अन्तमें फेर एहि सांसारिक कुचक्र आ कुठाराघात केँ नहि सिर्फ घोंटब बल्कि अपन असीम प्रेम-अनुरोध सँ वसुधा माय सँ शरण प्राप्त करैत धरतीमें समाहित होयब... एक सऽ एक चरित्र केनिहैर एहि समस्त मानव इतिहास में एक नारी जे मैथिली - सीता मात्र भेली - हुनकर जन्मदिवस के शुभ उपलक्ष्य में दहेज मुक्त मिथिला सेहो अपन कार्यक्रम फेर सौराठ सभामें राखि रहल अछि। एहि अवसर पर अहाँ सभ सेहो बेसी सऽ बेसी संख्या में उपस्थित होइ। एहिमें एक विचार गोष्ठी सऽ अगिला सौराठ सभा जे २१-३० जुन - २०१२ के बीच अछि ताहि के समय कोना कि कार्यक्रम कैल जाय एहि पर विचार करब।

संयुक्त आयोजक:
सौराठ सभा विकास समिति
दहेज मुक्त मिथिला

हरिः हरः!

पुनश्च: एहि तरहक कार्यक्रम सऽ अहाँ सभ के इहो पता चलत जे के फेक आ के असल - हम सभके हार्दिक आह्वान करैत छी जे आउ एहि कार्यक्रम में आ रचनात्मक कार्यमें जुटी। मिथिलामें अगबे राजनीति केला सऽ नहि होयत, समाज सुधार परम आवश्यक छैक। आपसमें सहयोग कोना बढत एहि पर विचार करू। फुसिये के नाम कमेला सऽ किछु नहि होयत। :)

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