आब अहांक घर तक पहुंचत कोटा के राशन
बिहारक लोक के लेल एकटा नीक खबर अछि. नीतीश सरकार एकटा नीक काज शुरू करय जा रहल अछि. आब अहांके कोटा मे मिलय वाला राशन के लेल कोटावाला के ओहिठाम जाए के जरूरत नहि रहत.
आब जनवितरण प्रणाली... कोटा अहांक ओहिठाम आएत. आब जखने कोटा लेल गोदाम सं अनाज उठत गाम- घर में लाउडस्पीकर सं ई एलान
करि देल जाएत जे अहांक राशन आबि गेल अछि. एकर बाद अहांक घर तक राशन पहुंचत.
शुरू मे ई सुविधा गरीबी रेखा सं नीचा रहय वाला लोक के मिलतन्हि.
पहिने मटिया तेल, गेहूं, चावल और चीनी आबैत छल तं कई बेर कोटा वाला कहैत छल जे एहि बेर राशन उठबे नहि करल अछि. कोटावाला गोदाम से अनाज उठा क ओम्हरे सं ओम्हरे घपचालीस करि लैत छल.
कई बेर तं एहन होए छल जे सिर्फ होली..दिवाली आओर छठि टा मे अनाज, चीनी आ मटिया तेल मिलैत छल. सभ के सभ ऊपरे सं ऊपरे बेच लेल जाएत छल.
आम लोक के राशन दोकान...कोटा रहने नहि रहने कोनो फायदा नहि. कई बेर तं एहनो होएत छल जे अहांके कार्ड पर मिलाबक चाही 10 किलो चावल..चीनी तं कोटा वाला अहांके दैत छल 2 किलो.
आब राशन दोकान वाला के ...कोटा वाला के ई बताबय पड़त के कतेक अनाज आएल अछि. अहांके कतेक अनाज मिलत. एतबे नहि ओ अहांक घर तक अनाज पहुंचाएत.
बिहार के करीब 45 हजार राशनक दोकान अछि आओर करीब डेढ़ करोड़ परिवार के पास राशनक सामान पहुंचैत अछि.
कोटा प्रणाली के दुरुस्त करय लेल आब राज्य के हर दू प्रखंड पर एकटा गोदाम बनाएल जाएत. बिहार में 534 ब्लॉक अछि एहि हिसाब सं करीब 1068 गोदाम बनाएल जाएत.
एहि सं कोटा वाला के आब अपन इलाका मे पास सं अनाज उठाबय के सुविधा मिलतन्हि. एहि पर निगरानी राखल लेल एकटा तंत्र सेहो बनाएल जाएत.
सरकार के कोशिश तं कोटा प्रणाली मे सुधार लाबय के अछि. अहां के सेहो जागरूक होए पड़त नहि तं पहिने जेना चलैत छल नवका नियम बनला पर सेहो तेहिना चलैत रहत.
आब जनवितरण प्रणाली... कोटा अहांक ओहिठाम आएत. आब जखने कोटा लेल गोदाम सं अनाज उठत गाम- घर में लाउडस्पीकर सं ई एलान
करि देल जाएत जे अहांक राशन आबि गेल अछि. एकर बाद अहांक घर तक राशन पहुंचत.
शुरू मे ई सुविधा गरीबी रेखा सं नीचा रहय वाला लोक के मिलतन्हि.
पहिने मटिया तेल, गेहूं, चावल और चीनी आबैत छल तं कई बेर कोटा वाला कहैत छल जे एहि बेर राशन उठबे नहि करल अछि. कोटावाला गोदाम से अनाज उठा क ओम्हरे सं ओम्हरे घपचालीस करि लैत छल.
कई बेर तं एहन होए छल जे सिर्फ होली..दिवाली आओर छठि टा मे अनाज, चीनी आ मटिया तेल मिलैत छल. सभ के सभ ऊपरे सं ऊपरे बेच लेल जाएत छल.
आम लोक के राशन दोकान...कोटा रहने नहि रहने कोनो फायदा नहि. कई बेर तं एहनो होएत छल जे अहांके कार्ड पर मिलाबक चाही 10 किलो चावल..चीनी तं कोटा वाला अहांके दैत छल 2 किलो.
आब राशन दोकान वाला के ...कोटा वाला के ई बताबय पड़त के कतेक अनाज आएल अछि. अहांके कतेक अनाज मिलत. एतबे नहि ओ अहांक घर तक अनाज पहुंचाएत.
बिहार के करीब 45 हजार राशनक दोकान अछि आओर करीब डेढ़ करोड़ परिवार के पास राशनक सामान पहुंचैत अछि.
कोटा प्रणाली के दुरुस्त करय लेल आब राज्य के हर दू प्रखंड पर एकटा गोदाम बनाएल जाएत. बिहार में 534 ब्लॉक अछि एहि हिसाब सं करीब 1068 गोदाम बनाएल जाएत.
एहि सं कोटा वाला के आब अपन इलाका मे पास सं अनाज उठाबय के सुविधा मिलतन्हि. एहि पर निगरानी राखल लेल एकटा तंत्र सेहो बनाएल जाएत.
सरकार के कोशिश तं कोटा प्रणाली मे सुधार लाबय के अछि. अहां के सेहो जागरूक होए पड़त नहि तं पहिने जेना चलैत छल नवका नियम बनला पर सेहो तेहिना चलैत रहत.
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