कोसी महासेतु तैयार भा गेल अछि . संपूर्ण मिथिलाक ध्यान अहिपर केंफ्रित अछि . जाहि दिन ४१८ करोड़ केर लागत से तैयार १.८७ किल्लोमेतेरे नमहर अहि पूल केर फोली देल जायत तहिया से अहि पर से मात्र वाहन नहीं दौरत अपितु मिथिलाक मनोभाव सेहो एकाकार होयत . इ खंडित मिथिलाक एकीकृत करबाक ससक्त माध्यम साबित होयत. दुनु कातक रोटी - बेटीक , केर सम्बन्ध फेरो आकर लेत . दुहु दिसक गाम नैहर-सासुरक उपाधि पओत . सासुर , सासू, सार , सर्होजी , पिसा-पीसी, मौसा-मौसी, भैया-भौजी, बहिन-बहिनोई , भातिज-भतीजी, ममियौत,पिसियौत केर सम्बन्ध च्त्रत-पसरत .
पूर्व पिं ऍम अटल बिहारी बाज्पये जाहिया ६ जून २००३ के अहि सम्बन्ध -सेतुक आधरसिला रखने छाला , तहिये स मिथिला वासी उत्स्सः भा रहल छैथ . जे कियो ओही दिन निर्मली कोल्लेजे केर परिसर में आयोजित शिलान्यास समारोह में सामिल भेल हेताह ओ मों पारौथ - कोना जन समुद्र उमरी आयल छल . कोना असंख्य लोकक पैर स उडियाल . कौसकी मातक कुक्षी स बालुका रासी आकाश में परिवर्तनक नव इतिहास लिखी रहल छल . उत्साह केर सागरक अहि हिल्कूर में ६८ सालक पीर स मुक्तिक परम सुख सेहो मिझ्रायल छल.
भाप्तियाही रेल पूल पहिनो छल . साल १९३४ में आयल भूकंप मिथिलाक तहस-नहस क देलक. अहि में भाप्तियाही पूल सो छ्होछिथ भ गेल . स तेना ज कतहु-कतहु सिर्खार मात्र रही गेल . मरम्मत स काज च्लाय्वल. नहीं प्राप्त स मिथिला उपेक्षित रही गेल . एकर दिश विकासक बसात केर सिह्कियो आयबा स रोकल जायत छल . स अहि रेल-खंदक पूरा पूरी उपेक्छित क देल गेल. रेलवे एकरा बिसारी देलक. मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर, बेगुसराई, सीतामढ़ी, मुज्ज़फरपुर , बेतिया, आदि मिथिला केर जिला केर सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, पुरनिया, ठाकुर गंज , फाबिस्गंज संग अदौ स मजबूत - सूत्र टूटी गेल . दुनु दिसक सम्बन्ध केर गर्माहित सराय लागल. काल करम में पूरा पूरी थडो परी गेल. रोटी-बेतिक संबंधक द्वार बन्न भ गेल ज निर्मलीक लोक अपन जिला मुख्यालय सुपौल जयबा पर्यंत स बंचित भा गेला. ज धुजनी उठाबैत ओ मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर, बेगुसराई, सहरसा आदि जिलाक पार क कतेको खेप ट्रेन- बस बदली जिला मुख्यालय बहुच्बा लेल बिबस होथी . सुपौल जेबा- आयबा में कय कय दिन खर्च भ जाईंन . परिणाम इ भेल ज काज धंदा छोरी सुपौल जय्बास निर्मालिक लोक परहेज करय लागल . जखन निर्मालिक इ हाल ते आन जिलाक लोक लेल कोसी छेत्रक जिलाक संग फारिब्स्गंज - पुरानियाक गाम-घर स पुर्णतः फरक भ जायब स्व्भाभिक छल . ते जखन बिपरीत- पारिस्थितिक देबाल दह्बाक संभावना जागल ते बिछोहक बानः तोरी जन -ज्वारी उमरी गेल. कोसी महासेतुक शिलान्यास समारोह महापर्वक स्वरुप ल ललक.
सम्बन्ध सेतुक संभावनाक इ अवसर मिथिलाक उछ क तखन आरो बाधा देलक जखन सिल्लान्यास करैत पूर्व पि ऍम अटल बिहारी बाज्पये मैथ्लिक अष्टम सूचि में सम्मिलित करबाक एतिहासिक घोसना कैलैन. पुलक संग मैथिलिक अस्थम अनुसूची में अस्थानक बीजारोपण भेल . अढाई मासक बाद निर्मालिक घोसना पर करतल ध्वनि दरभंगा में दोहरायल, जखन पूर्व उप पि ऍम आ गिरिः मंत्री लाल कृष्ण आडवानी १६ अगस्त २००३ के दरभंगाक एतिहासिक राज मैदान में दरभंगा आकाशवाणी केंद्र स प्रसारित होमय्वाला मैथिलि समाचारक दैनिक करबाक उद्घत्नक संग अस्थम अनुसूची पर सहमती जतौलें.
महासेतुक सपना साकार भेल ज संपूर्ण मिथिलावासिक हिरदय जुरा रहल अछि . आब अहि पर सड़क यता यात संग ट्रेन दौर्बाक प्रतीक्षा अची.
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