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बुधवार, 15 फ़रवरी 2012

मिथलाक गाम घर :


हमरा लग रहब : ५ 

मिथलाक गाम घर :  बुध बाप के ई दुख बर्दाश्त नहीं भेलैन आ ओहो २ मॉस में अई लोक स बिदा भ गेलाह ।  तकर तेशरे मॉस प्रनावक जनम भेलैक । मुनर झा दौराल कूसूमपूर गेलाह ---चम्पाक सासूर ।  दर्बज्जो पर नहीं चाढ़ा देलखिन श्रीमंत चौधरी , चम्पक भेसूर -- साहश कोना भेल आहा के अहि गाम में पैर देबाक आहा के ?  नहीं जानी केकर पापक हमर कुलक नाम देबाक लोभ में दौराल आयल छि । २ मॉस पहिने नेना भेल आ आई खबरी देबा आयल छि । आ बिबाहक आठममॉस में नेना भेल कोना ?  अहि पाप के लाद लेल तहमर मदन के फसौने छलिऐन आहासभ । प्राण स प्रिये छलाह हमर , जिद्द मानी लेलियें । मुदा हुनके संग ओ खिस्सा खतम्म । फेर नाम लेब अहि कूलक कहियो ते जीह काटी लेब ।


अपमानित आ हताश मुनर झा घुरी क अपन गाम आय्लाह ।  ककरो किछू नहीं कहलथिन , चंपो के नहीं ।  मुदा चम्पा सब बूझी गेलिक । सौरी स बाहर नहीं भेलैक , छाठिहारो नहीं देखाल्कैक नेना के ।


मुनर झाक काकी पोसल्थिन बिन मायक नेना क ५ वर्ष । मुनर झा सभ साल सभ दौर्लाह, मुदा कोनो कन्यागत ध्यान नहीं देलकैन । ५ वर्ष बाद चम्पा क सभ गहना बेचीं २००० देलैन आ १५ सालक मीनाक बिबाह - द्विरागमन बाद अंगना आन्लैन । ३५ वर्षक मुनर झाक १५ वर्षक कनिया मीना । कमालपुर बाली कनिया --मीना । जे देखाल्कैक अकचका क रही गेल ।  कारी भुजंग , भूट आ करी मुनर झा क आँगन में एहन सों सन कनिया ।  सों सन रंग आ चन सन मूह । मुदा हाथ पैर फूल सन होयतो ओहन कोमल नहीं छलैक , एक दम सक्कात आ कर्मठ छलैक । आबैत देरी सबटा सम्म्हारी लेलकैक -- ऊज्रल घर गिरश्थी आ बिन मायक प्रणव । गहना बेचला स बाचल किछो ताका छलैन , जकरा मुनर झा हरदम डार में खोसने रहित छलाह । ताका देखा नव कनियाक मनोन करैत छलाह -- साड़ी आ गाहनाक प्रलोभन देत छलखिन ।  सभ टा टाका ल लेल्कैं मीना आ किनी देलकैन एक टा लघारी महीश । मुनर झा क चारी कंचा कमेबाक बियौत भेलैन त आखी खूज्लें । खूब म्हणत कर लागलैन-- बारी झारी आ १० कट्ठा खेत में आ महिसक पोश में ।


आ मीना ओही ऊज्रल - बिल्तल आँगन के फेर स चमका लेलैने । पोछी- पाछी, निप्पी -नापी , ओही टाटक घर के चम्कोलैन आ हर्दुम पोटा बह्बैत माती - कादो में ओन्घ्राइत प्रणव के सेहो तेल - कूर डी अपन ममता भरल हाथ स चमका देल्थिन ।


प्रणव त मामी लेल जान देब लागल । हरदम ओकरे लग सटल रहे । मुनर झा खौझैतो छलखिन । मुदा मीणा हरदम सतौने रहित छलैक अपना लग । मुनर झा क  खोजी बढ़ लागलैन आ प्रणब ६ बरखक भ गेल , त एक दीन स्कूल पठा देलकैक ओकरा । गामक अप्पर प्रिम्मारी स्कूल जकरा गामक छौरा सभ नेंग्रा गुरूजी बाला स्कूल कहैत छलैक । नेंग्रा गुरूजी क  लल्बिथूआआ छारी नामी छलैन । जकरा एक लाल बित्थूआ देत छलथिन , ७ दीन तक ओतूका मौश आ चमरी लहरित रहित छलैक आ ख्जूरक छारी हरदम हाथ में रहैत छलैन । मारी सत्त्की स देह फूला देत चलतीं ।

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