मिथ्लाक गाम घर
गामक छठ पूजा : १
गामक छठ पूजा :
मिथ्लाक्गाम्घर: अहि बेर कोजागरा में नानी गाम गेल छलौ । मोहन मामा बहूते बिनती कयने छाला । ताहि कारने जाय परल ।
कोजगरा केर प्रातेह हम अपन गाम कन्हाई सेहो चली गेलौ । हम जखन अपन गाम पहुँच लौ त पता चलल जे की बबलू केर बा केर आई एकादशा छियैक ।भोज - भात केर बर पैघ आयोजन छलैक ।
दुपहर केर समय छल हूँ भनसिया सब केर पान - चाय देत छलौ की २-४ टा संगी -साथी सब हमरा ताकैत भोज्गारा में पहुंची गेलाह ।हम हुनका सब से गुप सूप क्रय लाग्लाऊ । गुप - सूप केर क्रम में हम एक टा मित्र जेकर नाम टी नहीं मोंन नहीं अछि मुदा , गाम में सब ओकरा नुनु कहैत छैल । नुनु हमर परम मित्र परवीन कुमर केर भाई छल । प्रवीन आ हम एक ही शाल १० वि केर परीक्षा पास कैने छलौ । १२ वि में हम मारवारी कॉलेज में आ प्रवीन सी. ऍम . स्सिएंस कॉलेज में पढैत छल ।
प्रवीन कोनो हमरा स पढबाक में तेज नहीं छल । चुकी ओकर पिताजी आर्मी में छलैक , आ आर्मी सुब के कॉलेज में कोटा होइत अछि । अहि लेल प्रवीन केर अद्मिस्सिओन सी. ऍम. स्सिएंस में भेल छल ।
हम जखन नुनु केर हाथ में कलम - कॉपी देख्लौ ते लागल जे की किछु बिशेष गुप अछि ।
हम नुनु स पुछ्लियैक ? की रु नुनु की बात ? कागज आ कलम ल क सुब गोटे कतय बीदा भेलहु अछि ? ताहि पर पपू नामक लरका बाजल । हम सब अहि केर लग आयल छि । हम पुछालियक ..... किछु बिशेष गुप अछि की ?जग्गरनाथ कहलें जे की बिशेष त नहीं मुदा , ख़ास अछि ।
जगरनाथ केर विवाह हमरे पितियौत बहिन केर साथ भेल छल । ताहि ल क ओ हमार बहनोई सेहो हेताह । हम पुछालियाँ कोण गुप अछि बाजू ने ? जगरनाथ कहलें जे की छौरा - मारे केर बिचार अछि जे की अहि बरका छठ पूजा में किछु रंग - रंग कार्यक्रम हेबाक चाही । रंग - रंग कार्यक्रम में त भुझ्ले अछि जे की खर्च बेशी होयत अछि , ताहि हेतु अपनेक स सहयोग चाहैत छि ।
किछु कालक बाद हम कहलियैक , जगरनाथ जी आहा त जैनते छि जे की हम सदिखन माँ मैथिलि केर सेवा में लीन रहैत छि । हम सुब ओही काम केर बढ़ाबा देत छियैक जाहि स मिथिला केर माती पानी केर नुकसान नहीं पहुंचाई । अगर आहा सब कोनो संस्कृति क कार्यक्रम करब त हम भरिसक परियास करब । मुदा , अहि रंडी केर नाच में हमरा स किछु उम्मीद राखब बेकार अछि । जगरनाथ केर बिनती - मिनती केला केर बाद हम रुपैयाक देबाक लेल हामी भरी देलौ । मुदा , हम कहलियैन जे की हम अपनेक लोकिन की सूचीत अख्नाही क देत छि जे की हम अहि में शारीरिक मादद नहीं क सकब ।
किछु कालक बाद हम पुछालियक अखन तक चन्दा कतेक भ चुकल अछि ? नुनु कहलक भाईजी अहि लग स श्री गणेश करबाक लेल आयल छि ।
हम हुनका सब के २ मिनट रुकबाक लेल कही अपन आँगन आबी गेलौ
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें