मुसीबत केर स्टेशन कमतौल
मिथ्लाक्गाम्घर : दरभंगा - बैर्गिनिया रेल खंड पर प्रयतन केर दृष्टि से महत्वपूर्ण कमतौल स्टेशन पर सुबिधा केर एको टा आयाम उपलब्ध नही अछि ।रात्री लोकिन केर बैथ्बाक बेंच केर साथ -साथ पीबाक लेल पानियों तक उपलब्ध नहीं अछि ।सौचालय केर अवस्था ते अहू से आर बदतर अची । छत जर्जर हेबाक करने बरसात में यात्री केर के पुछैत अछि , मत्वपूर्ण कागजात केर सुरक्छित रखबाक में रेलवे कर्मी केर काफी मसकत करे परे अछि ।ओहिठाम मौजिद किछु यात्र से पुछ्लाक उपरान्त ज्ञात भेल जे की बरी लाइन भेलाक बाद स्टेशन केर सुन्दरीकरण आर यात्री सुबिधा बढेबाक दिश कहियो पहल नहीं कैल गेल । सीतापुर , जनकपुर रोड केर बाद सबसे ज्यादा यात्री अहि थाम से उतरैत - च्धैत अछि ।रेलवे केर अहि थाम से करोड़ केर आमदनी प्रतिमाह अहि थाम से होयत अछि । लेकिन अनुपात से अधिक कमाई केर बावजूद रेलवे केर अधिकारी अहि दिश से आँख मुंदने रहत अछि ।
एईतिहासिक आर पौराणिक दृष्टि से सेहो अहि स्टेशन केर बाद महत्व अछि । आहिल्यास्थान एबाक लेल अहि स्टेशन पर अबैक अरित अछि ।
प्रति दिन आसपास आर दूर दराज केर लोग सब घुमबाक कारने अहि थाम आबैत अछि मुदा रेलवे अधिकारी लेल धंसन
। जय मिथिला जय मैथिलि ।
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