Blogger templates

मंगलवार, 5 फ़रवरी 2013

अमित मिश्र करियन ,समस्तीपुर मिथिला ,बिहार हारल विजेता


अमित मिश्र
करियन ,समस्तीपुर
मिथिला ,बिहार
 
 हारल विजेता


                                    
पात्र
 1 . 
रोहित-  20 साल
2.
मानू-    20 साल-   रोहितक दोस्त
3.
चिट्ठी चाचा-  45 साल-  डाकिया
4.
डाँक्टर बाबू -35 साल-  डाक्टर


रोहितक दलान परक दृश्य एक कोणमे मौसमी फसलक किछु बोझ राखल अछि ।माँझमे टाटक घरपर हरियर तिलकोरक लत्ती लतरल अछि ।एकटा पुरान साइकिल टाटसँ सटा कऽ राखल अछि ।भऽ सकैए तँ एकटा नादि आ खुट्टा देल जा सकैछ ।रोहित साधारण कपड़ामे घरक आगू ,सोचैक मुद्रामे एक कातसँ दोसर कात टहलि रहल अछि ।रोहितसँ नीक परिधानमे मोनू पर्दाक पाछूसँ "रोहित-रोहितचिकरैत मंचपर आबैत अछि ।आवाज सूनि रोहितक धियान टूटैत अछि आ फेर दुनू गला मिलैत अछि ।)
रोहितमोनू ,ई क्रिचदार कपड़ा पहिर दुपहरियामे कतऽ जा रहल छें ।की कोनो खास गप छै की?
मोनूखास गप की रहतै ।मोन भऽ गेलै ,पहिर लेलौं।ओना रहित ,आगूक की प्लान छौ?
रोहित- (आश्चर्यसँ)प्लान।तोहर गप नै बुझलियौ ,कने फरिछा कऽ कह ।
मोनूअरे मूर्ख करियरकेँ प्लान ।
रोहितअच्छे-अच्छे बूझि गेलियै ।
मोनूइएह तँ तोहर प्रोबलेम छौ ,तूँ बुझिते बड देरसँ छेँ ।कने सोच ,इन्टर केला दू वर्ष भऽ गेलै आ एखन धरि बेरोजगारे बैसल छी ।कोना पार हेतै जीवनक डगरिया रे भेया ।
रोहितठीके कहलें तूँ ।पिछला एक घण्टासँ हमहूँ इएह सोचै छलौं ।तोरा तँ बाबुओ जीक सहारा छौ मुदा हमर केएकटा बूढ़ माए जे खाटो परसँ नै उठै छै ।कतौसँ एक्को टाकाक आमदनी नै छै हमरा ।बटैया करै छी ,दूध बेचै छी आ दवाइ-दारूक बाद जँ टाका बचै अछि तँ पोथी कीन पढ़ै छी ।तोरा की कहबौ,हमर हालत तँ जानिते छें ।
मोनूहँ हमरा बुझल अछि  तेँ ने दुनू गोटाकेँ आब नोकरीक बारेमे सोचऽ पड़तै ।जँ नोकरी नै भेल तँ जीनाइ मोशकिल भऽ जेतै ।
रोहित-  गप तँ सत्ते कहलें दोस ।दोस ,चरि चक्किया ए.सी बला गाड़ी देख मोन होइत अछि जे एक बेर हमहूँ चढ़ितौँ ।बजारक गप सूनि बजारेमे अपन छोट परिवार संग रहबाक मोन होइत अछि ।मुखिया जीक हाथमे मोबाइल देख कोनो नेना जकाँ मोन कानि जाइत अछि ।मुदा ई सब एकटा मरनासन्न सपना जकाँ लागैत अछि ,दोस ।भागमे लिखल छै दिल्ली-बम्बइमे बोरा उठेनाइ तँ चरिचक्किया कतऽसँ भेटत ।
मोनूगलत बात ,बिल्कुल गलत बात ।मनुखकेँ एते उदास नै हेबाक चाही ,जँ जीलाकेँ तेसर टाँपर ,तोरा सन मनुख एते नकारात्मक सोच रखतै तँ बूझें प्रलय आबि गेलै ।
रोहितसोच नकारात्मक नै छै भाइ ,मुदा हालत एहन नै छै जे सकारात्मक सोचब ।ई घोर मँहगाइक युगमे जीनगी जीबाक लेल टाका चाही आ टाकाक लेल बोरा उठबैये पड़तै ।
मोनूफेर वएह बात ।अरे हम कहै छीयौ ,तोरा बोरा नै उठबऽ पड़तौ ,तोरा एहन गुणीकेँ तँ नोकरी डिबिया लऽ कऽ ताकै छै ।
रोहित-  एहनो कतौ भेलै यै ।आइ-काल्हि सरकारी नोकरी तँ ईदक चाने बनल छै ।
मोनू-  आ प्राइवेट ।
रोहित-  ओकरो लेल पहुँच चाही ।
मोनू- कर जोड़ैत) चूप रहू महराज ,चूप रहू ।एते भाषण जुनि मारू ।नोकरी लेल फारम भरऽ पड़ै छै ,अहाँ कतौ भरलौँ की नै?
रोहितहँ ,एकटा परीक्षा देने छी  ।अपन एक सालक बचाओल टाकाक हवण कऽ कऽ ।
मोनूतँ फिकिर कथी के ?प्रतिक्षा करू ।एहि हवणक कुण्डसँ अमृतक घैल जरूर बहरेतै ।हमरा विश्वास अछि अहाँ जरूर पास करब ।
रोहिततोहर मुँहमे मिश्री ।(गम्भीर होइत)जँ अमृत नै बहरेलै तँ बूझ हमर जीवन बेकार भऽ जेतै ।
(
मंचक पाछूसँ साइकिलक घण्टी धिरेसँ बजनाइ शुरू होइत अछि आ धिरे-धिरे ध्वनी तीव्र होइत अछि ।रोहित आ मोनू उम्हरे देखऽ लगैत अछि ।पोस्टमैनक ड्रेसमे ।एक हाथमे किछु चिट्ठी आ कन्हपर एकटा बैग ,दोसर हाथसँ साइकिलक हेण्डिल पकड़ने ,मंचक एक कोणसँ चिट्ठी चाचाक प्रवेश होइत अछि ।)
रोहित ,मोनू- (एक साथ ,एक स्वरमेप्रणाम चिट्ठी चाचा ।
चिट्ठी चाचा खुश रहऽ बौआ ।
मोनूकक्का ,आइ हम एकटा बात जानिये कऽ रहब ।
चिट्ठी चाचाहँ हँ ,किएक नै जानबऽ ,जानि लए ।कोन बात जानबाक छऽ ।
मोनूरोहित अहाँकेँ चिट्ठी चाचा किए कहै यै?
चिट्ठी चाचा-  बड पुरान गप छै ।(रोहित दिश इशारा करैतई तीन-चारि वर्षक हेतै ।हम सब दिन चिट्ठी बाँटैक लेल इएह बाटे जाइ छलियै आ एहिना जोरसँ घण्टी बजबैत छलियै ।हमर घण्टीक आबाज सूनि ई नाङटे गाँरि ,हँसैत -कूदैत सड़क धरि आबि जाइ ।
(
रोहित लजा जाइत अछि)
मोनूफेर की होइत छलै ।
चिट्ठी चाचापहिने ई सड़क कच्ची छलै ।पैघ-पैघ खाधि छलै सड़कपर ।साउन-भादो सौँसे सड़कपर थाल-कादोक शासन भऽ जाइ ।जखन ई कूदैत आबै तँ चुभ दऽ ओहि खाधिमे खसि पड़ै आ थाल-कादोमे सना कऽ भूत बनि जाइ छलै ।हा . .हा . .हा . . (सब हँसऽ लागैत अछि आ रोहित लाजे मूड़ि गोँति लैत अछि )
रोहित -  छोरू ने चाचा ,अहूँ कोन गप उठा देलौँ ।
मोनू-  नै नै ,हुअ दिऔ ।
चिट्ठी चाचा-  तकरा बाद जखन कखनो इ कानै तँ एकर बाबी कहथिन जे चिट्ठी बाला चाचा आबै छथुन ।ई बात सुनिते ई हँसऽ लागै आ वएह दिनसँ हमर नाम चिट्ठी चाचा पड़ि गेलै ।की हौ रोहित ,इएह गप छै ने?
(
रोहित स्वीकार करैत उपर-नीच्चा दू बेर मूड़ि डोलबैत अछि)
मोनू-चाचा ,तखन तँ अहाँक घण्टीमे बड पैघ जादू छै जे एकरा सनक उदास रहै बला मनुखकेँ हँसा दै छलै ।
चिट्ठी चाचा-  (आश्चर्यसँ ) उदास ।उदास किए रहै छै ।
मोनू-  इएह नोकरी चाकरीक चिन्तामे ।
चिट्ठी चाचा-  ले बलैया ।हम तँ गपक चक्करमे ओरिजने गप बिसरि गेलौँ ।नोकरीसँ इयादि आएल ,तोरा दुनूक नामे चिट्ठी एलै यै ।(दू टा चिट्ठी निकालि,रोहित दिश घूमिई तोहर (मोनूकेँ दैतआ ई तोहर ।
(
दुनू लिफाफा फाड़ि चिट्ठी पढ़ऽ लागैत अछि ।धिरे-धिरे रोहितक मौलाइल मुँहपर हर्षक रेखा आबऽ लागै छै ।एहने सन मोनूक मुँहपर सेहो )
मोनू- (खुशीसँ चिकरैतमीता ,हमरा नोकरि लागि गेल ।
रोहित- (खुशीसँ) मीता ,हमहूँ परीक्षा पास कऽ गेलौँ ।इन्टरभ्यू परसू अछि ।
चिट्ठी चाचाभगवानक घर देर छै ,अन्हेर नै ।तोरा दुनूकेँ नोकरी लगाइये देलखुन मैया रानी ।
रोहित-  चाचा ,एखन नोकरी नै लागल ।एकटा मौखिक परीक्षा एखनो बाँकिए अछि ।
चिट्ठी चाचा-  अरे जखन लिखित निकलि गेलै तँ मौखिको निकलिए जेतै ।चिन्ता जुनि करऽ ।नीके नीके जा ,परीक्षा दऽ ,नोकरी लऽ कऽ आबऽ ।मैया रानी भला करथुन ।अच्छेए ,हमरा और चिट्ठी बँटबाक अछि हम जाइ छीअ ।
रोहित-  ठीक छै चाचा ।
(
घण्टी बजबैत चिट्ठी चाचा चलि जाइत छथि )
रोहित-  मीता ,तोरा कतऽसँ चिट्ठी एलौ ,कोन ठाम ,कोन कम्पनीमे ,केहन नोकरी लागलौ?
मोनू-  कने साँस लऽ कऽ बाज ।एना जँ एक्के बेर प्रश्नक बाढ़ि आनबें तखन तँ हम भसिआइये जाएब ।
रोहित-  बुझलियै ,बुझलियै ।नै एक फेर ,बेरा-बेरी तँ उत्तर दे ।
मोनू-  दिल्लीसँ चिट्ठी आएल छलै ।जाहि कम्पनीमे बाबू काज करै छथिन ,ओहि कम्पनीमे सुपरवाइजरकेँ जरूरति छलै ,वएह पोस्ट हमरा भेटल अछि ।
रोहित-  मुदा कोना?
मोनू-  ओकर ठिकेदार अपने इम्हरकेँ छलै ।बाबूजी ओकरा हमर पैरवी केलखिन तँ ओ तैयार भऽ गेलै ।बाबू जी दिल्ली एबाक लेल चिट्ठी भेजने छथिन ।
रोहित-  मीता ,जखन एगो दोस्त कामयाब होइ छै तखन दोसर दोस्तक करेजक एक कोणमे खुशीक वर्षा होइ छै आ दोसर कोणमे दुखक ठनका खसै छै ।खैर ,तोहर कामयाबीसँ हम खुश छी ,बड खुश छी ।हमर कामयाबी तँ एखनो माँझ सागरमे हेल रहल छै ,जानि नै भेटतै कि नै भेटतै ।
मोनू-  अपनेक बहुत-बहुत धन्यवाद खुश हेबाक लेल ।आब अहूँ इन्टरभ्यू देबाक ओरियान करू ,हमहूँ जाइ छी दिल्लीक लेल रिजर्वेसन कराबऽ ।
रोहित-  ठीक छै ।फेर इन्टरभ्यूसँ एलाक बाद भेँट हेतै ।
मोनू-  बेस्ट आफ लक ।
रोहित-  रूक ।एकटा बात और हमरा आबै धरि तूँ गामेमे रहिहेँ ।
मोनू-  से किएक ?
रोहित-  जँ हम कामयाब भऽ जेबै तँ खुश हेबाक लेल ।
मोन-  हम तँ सदिखन खुश रहै छी ।ओना तोरा आबै धरि हम दिल्ली नै जेबौ ।
रोहित-  धन्यवाद ।
मोनू-(गाबैत अछिहम होगेँ कामयाब ,हम होगेँ कामयाब ।
(
दुनू पर्दाक पाछू चलि जाइत अछि )
                               *************** 
पट-परिवर्तन **********************
(
मंचपर बाटक दृश्य अछि ।पर्दाक एक कोणसँ रोहित मंचपर आबैत अछि ।पीठपर एकटा बैग लादल छै ,केश छिड़ियाएल ।उदास ,कननमुँह केने ,मंद चालसँ चलि रहल अछि ।तखने गीत गाबैत मोनूक मंचपर प्रवेश)
मोनू-   आबि गेलें नोकरी लऽ कऽ ।
(
रोहित बिनु किछु बाजने चलिते रहैत अछि)
मोनू-  अरे रोहित ,तोरे कहै छीयौ ।रूक . .रूक ने ।
(
रोहित फेर बिनु बाजने चलिते रहैत अछि ।मोनू दौड़ कऽ रोहित लऽग पहुँचैत अछि आ रोहितक हाथ पकरि लैत अछि ।रोहित रूकि जाइत अछि ।)
मोनूकते देरसँ तोरा सोर करै छीयौ ।तूँ किछु सुनिते नै छें ।किछु तँ बाज ।कि भेलौ ।
(
रोहित चूप अछि)
मोनू-  धन्य छी महराज ।एक दिश बाजैत-बाजैत हमर मुँह दुखा गेल आ दोसर दिश अहाँ फेविकाँलसँ अपन ठोर साटि लेने छी ।ठीके कहै छै परचारमे,एक बार सट गया तो सौ साल धरि नै उखड़ेगा ।
(
रोहित बिनु उत्तर देने चलबाक कोशिश करैत अछि ।मुदा मोनू बाँहि पकड़ि रोकि लैत अछि ।)

मोनू-  लगैत अछि बौआ नोकरी लऽ लेलनि । ई जीतक खुशीमे बौक भऽ गेलनि ।की महराज ,जीतैये बला गप छै ने?
रोहित-  (दुख भरल आवाजमे ,धिरेसँ) नै ,हम ई खेल हारि गेलौं मीता ,हम नाकामयाब भऽ गेलौँ ।
मोनूझूठ ,सरासर झूठ ।हम मानिये नै सकै छी ।तोरा सन मेधावी छात्र ई परीक्षामे फेल नै भऽ सकै छै ,किन्नौह नै ।
रोहित-  हम सत्त कहै छी मीता। एहि रेसमे जीतलौँ तँ मुदा सबसँ पाछु रहि कऽ ।
(
मोनूक हँसैत मुँह उदास भऽ जाइत अछि )
मोनूमूदा ई भेलै कोना?
रोहितटाका और पैरवीक चलते ।
मोनूनै बुझलियौ ।कने फरिछा कऽ कह ।
रोहित-  संगमे पाइ नै छल । दस किलोमीटर धरि पैदल चलऽ पड़ल ।
मोनू-  की ओतऽ देरीसँ पहुँचलहीं ।
रोहित-   नै ,पहुँचलियै तँ सबेरे मुदा अंग-अंग थाकि गेल ।
मोनू -  तखन की भेलै |
रोहित-  सब छात्रकेँ बेरा-बेरी बजाओल जाइत छलै ।इन्टरभ्यू कक्षसँ किओ मुस्कैत  तँ किओ काननमुँह केने निकलै छलै ।बेसी कानिते निकलै ।थाकल तँ पहिनेसँ छलौं ओकरा सबकेँ देख हम बड डरि गेलौं ।
मोनूअच्छए ,से बात ।आब बुझलौं ।महराज डरि कऽ भागि एलनि ।
रोहितनै नै ,एहन गप नै छै ।
मोनू-  तँ केहन छै से ने कह ।

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें