ज्ञानक देवी सरस्वतीकेँ प्रसन्न करबा लेल कतेको मंत्र, स्तुति आदिक रचना कएल गेल अछि। ओहिमेसँ एक गोट अछि माँ सरस्वतीक द्वादश नामावली स्तुति। ई स्तुति सुविख्यात अछि। दिनक तीन संध्यामे एकर पाठ केलासँ भगवती सरस्वती अति प्रसन्न होइत छथि। वसन्त पञ्चमी (15 फरवरी, शुक्रवार) पर एहि स्तुतिसँ माँ सरस्वतीक पूजा कएल जाउ। अपने सभ भक्त लोकनिकेँ मनोकामना अवश्य पूर्ण होएत।
द्वादश नामावली
प्रथम भारती नाम द्वितीयं सरस्वती।
तृतीयं शारदा देवी चतुर्थं हंसवाहिनी।।
पंचमं जगती ख्याता षष्ठं वागीश्वरी तथा।
सप्तमं कुमुदी प्रोक्ता अष्टमं ब्रह्मचारिणी।
नवमं बुद्धिदात्री च दशमं वरदायिनी।
एकादशं चंद्रकान्तिर्द्वादशं भुवनेश्वरी।
द्वादशैतानि नामानि त्रिसन्ध्यं च: पठेन्नर:।
जिह्वाग्रे वसते नित्यं ब्रह्मरूपा सरस्वती।
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