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मंगलवार, 28 फ़रवरी 2012

मिथिलाक गाम घर :


गामक छठ पूजा : ५


मिथिलाक गाम घर :   हम सब जखन बताऊ बाबा केर दालान पर पहून्च्लाहू तखन ओही दालान पर प्रवीन , जग्गरनाथ , उगना आ मोहन चा संगे नवल चा सेहो बैसल छला ।
प्रवीन सब नवल चा केर १००० टाका देबाक जीद क रहल छल । मुदा नवल चा १००० टाका देबाक लेल राजी नहीं छला । 
नवल चा केर कथन छल जे १००० टाका क्लेर बदला २५१ टाका देब ।




हमरा सब गोते केर आबैत देखि ओ प्रवीन स कहलथिन तोहो सब तंग केने छ आ ई सब सेहो पाई केर लेल तबाह केने अछि ।
चुकी हमर घात अहि पोखरी पर होइत अछि ताहि हेतु ई सब सेहो जान खेने अछि ।




उगना हमरा स पूछलक ? 
की यू अहू सब ओर्चेस्त्रा आणि रहल छि की ?
हम कहलियैक हम सब कोनो ओर्चेस्त्रा केर बिचार म त  नहीं छि मुदा कोनो नीक गायक केर बारे में विचार क रहल छि ।




प्रावीन केर कथन छल जे की हमरा अहि बात पे संसय अछि जे की अपनेक सब केर कोण नीक कलाकार सब खाली भेटत । हुनक कथन छल जेकी नीक कलाकार सब छठ में बाहर चली जैत छैथ ।


नवल चा कहना ५०१ टाका द प्रवीन सब से अपन पींड छोरौलक ।




ओही थाम स उठी हम सब गोते अपन अपन घर पर चली आयालाहू ।


घर आयबाक क्रम में हम आ मुकेश अश्वनी भेजी से भेट करबाक लेल हुनका दालान पर पहूच्लाहू ।
ओही थाम मात्र ३ गोते हुनका सब केर संगे बैसल छला ।


ओही ३ गोते केर छठ केर घात सेहो बाबा पोखरी पर होइत अछि ।


ओ ३ गोते संभवतः कोनो गंभीर मुदा   पर गप क रहल छलाह ।


जखन हुनका लोकानी केर गप ख़तम भ गेल  तखन हम कहलियैक , अश्वनी भेजी हम सब अपनेक लग चन्दा हेतु आयल छि ।
ओं कहलें चन्दा त आहा लोकानी केर भेट जायत मोड़ा एक ता गप कहैत छि , समय एखन अनुकूल नहीं अछि ।
आहा सब बाहर रहनिहार छि काठी लेल अहि पचरा में फासी रहल छि ।
हम कहलियैक भीजी ताहि लेल त अपनेक लग आयल छि ।


ओ किछु काल केर बाद हसित जबाब देलें , अपनेक सब की कहे लेल चाहैत छि कानी खुल केर कहू ।
मुकेश कहलक भीजी हमरा सब केर ई पूर्ण विशवास अछि जे की अगर पने आहा हुनका लोकानी स गप करबैक त प्रोग्र्राम्मे  कोनो तरहक दंगा - फसाद नहीं होयत आ प्रोग्र्राम सेहो शान्ति पूर्ण रहत ।


अश्वनी भेजी २ टूक शब्द म कहलें जे की हमरा स  ई उम्मीद अपने  सब बेकार में रखने छि ।
पहिल गप जे आहा सब पहिने हमरा स नहीं पूछी आब हमरा बुरी बना रहल छि ।
आ दोसर गप ई जे की हम धिया पूता केर पचरा में नहीं परे लेल चाहित छि ।


हम कहलियैक अश्वनी भेजी आरो किछु कहबाक अछि त कही देल जाऊ ?


ओ कहलें आहा ता सबटा जानीते छियैक जे की एखन हम आ प्रवीन सब एक ही प०अर्त्य में छियिक तखन हम ओकर बिरोध कोना करब ।


अहि गप पर कोनो तरहक ध्यान नहीं देत हम आ मुकेश ओही दालान स बिदा भ गेलहु ।


मुकेश कहलक भेजी ई सब पार्टी - पोल्तिक्स  बला छैथ छोरु हिनकर सब केर गप के आ ई कहू जे की आहा दरभंगा कहिया जायब आ आपीश कहिया आयब ।
हम कहलियैक हम त आजुके साँझक गाडी पकरी दरभंगा जायब आ परसों साझ खान तक वापश भ जायब ।


मुकेश कहलक भेजी देरी नहीं करबैक किऐक त आहा के एला के बाद सब स चन्दा लेल जेतै ।
मुकेश ई सब त ठीक अछि मुदा तू  सब अहि २ दीन में सूचीत क दिहे सब के जे की हम सब अपने घात पर प्रोग्राम क रहल छि ताहि लेल हुनका सब केर कियो चन्दा नहीं डैथ ।





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